Bihar Board Notes
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Que : 314. सुखाड़ से बचाव के तरीकों का उल्लेख करें।
Answer:

सुखाड़ जैसी आपदा के प्रबंधन हेतु दो प्रकार की योजनाएँ आवश्यक हैं। ये हैं— दीर्घकालीन और लघुकालीन योजनाएँ। दीर्घकालीन योजना के अन्तर्गत नहर, तालाब, कुआँ, पईन, आहर के विकास की जरूरत है। नहर के माध्यम से जलाशयों से जल लाया जा सकता है। पंजाब तथा हरियाणा में नहरों का जाल बिछाकर ही सुखाड़ की समस्या का स्थायी समाधान किया गया। बिहार में भी कोसी कमांड क्षेत्र, गंडक कमांड क्षेत्र तथा चांदन किऊल- बरूआ कमांड क्षेत्र सुखाड़ के समय नहर प्रबंधन के द्वारा प्राकृतिक आपदा को कम करने का प्रयास है। तालाब बनाने का मूल उद्देश्य वर्षा जल का संग्रहण है। कुएँ के निर्माण से भूमिगत जल का उपयोग होता है।


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